FASTag New Rules: अगर कार चलाते हैं तो यह खबर ज़रूर पढ़ें बिना फास्टैग सफर करना अब पड़ेगा बहुत भारी

FASTag New Rules: अगर आपके पास FASTag नहीं है तो क्या आपको टोल कैश में देने पर दोगुना भुगतान करना होगा?

इस सवाल को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अहम याचिका पर फैसला आया है। FASTag New Rules के तहत हाईकोर्ट ने सरकार और NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि गैर-FASTag वाहनों से डबल टोल लेना पूरी तरह से वैध है।

FASTag दोगुना टोल हाईकोर्ट का फैसला

महाराष्ट्र के एक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) में दावा किया गया था कि गैर-FASTag वाहनों से दोगुना टोल वसूलना अवैध है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि सभी कैश लेन को FASTag लेन में बदलना कानून का उल्लंघन है।

हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि 2008 के राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियमों के तहत यह नीति पूरी तरह से वैध है। 

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो वाहन FASTag का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं उन्हें बाईं ओर एक अलग लेन में भेजा जाता है जहां वे कैश में टोल दे सकते हैं लेकिन दोगुनी दर पर।

FASTag बना रहेगा अनिवार्य

FASTag New Rules के अनुसार FASTag को अचानक लागू नहीं किया गया था बल्कि इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया गया। 

2014 में इसे शुरू किया गया था और 2017 में मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन कर M और N कैटेगरी के वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया। आज सभी नई कारों में FASTag अनिवार्य रूप से दिया जाता है।

अब आएगा GPS-बेस्ड टोलिंग सिस्टम (GNSS)

हाल के वर्षों में FASTag ने हाईवे पर सफर को काफी आसान बनाया है। लेकिन सरकार अब इससे भी एडवांस GPS-बेस्ड टोलिंग सिस्टम (GNSS) लाने की तैयारी कर रही है।

GNSS क्या है और कैसे काम करेगा

GNSS (Global Navigation Satellite System) एक सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम है जो FASTag से अलग होगा। इसमें कोई फिक्स्ड टोल प्लाजा नहीं होगा। 

यह वाहन की लोकेशन ट्रैक कर यह तय करेगा कि गाड़ी ने हाईवे पर कितनी दूरी तय की और टोल उसी हिसाब से काटा जाएगा। इससे लोगों को सिर्फ उतनी ही दूरी के लिए भुगतान करना होगा जितनी उन्होंने हाईवे पर चलाई है।

GNSS कब लागू होगा

सरकार ने GNSS को धीरे-धीरे लागू करने की योजना बनाई है। शुरुआत में FASTag और GNSS का हाइब्रिड मॉडल अपनाया जाएगा। फिर धीरे-धीरे FASTag को पूरी तरह हटाकर GNSS लागू कर दिया जाएगा। अगले कुछ महीनों में इसकी शुरुआत हो सकती है।

FASTag New Rules को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला कार मालिकों के लिए बेहद अहम है। अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि FASTag अनिवार्य रहेगा और गैर-FASTag वाहनों से दोगुना टोल लिया जाना पूरी तरह से वैध है। वहीं GNSS आधारित टोलिंग सिस्टम के आने से भविष्य में हाईवे यात्रा और भी स्मार्ट और ट्रांसपेरेंट हो जाएगी।

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