Minimum Support Price: राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिलों की सात कृषि उपज मंडियों में इस बार गेहूं की सरकारी खरीद का तरीका बदल दिया गया है। अब सरकार द्वारा बनाए गए खरीद केंद्रों को हटाकर आढ़ती (मंडी व्यापारी) सीधे Minimum Support Price (MSP) पर गेहूं की खरीद करेंगे। यह व्यवस्था अलवर, भरतपुर, खेरली, कामां, वैर, बड़ौदामेव और लक्ष्मणगढ़ मंडियों में लागू होगी।
कैसे होगी गेहूं की खरीद
इस नई व्यवस्था के तहत किसान अब अपनी उपज को सीधे मंडी में आढ़तियों को बेच सकेंगे। गेहूं की सरकारी खरीद ₹2575 प्रति क्विंटल के तय समर्थन मूल्य पर की जाएगी। हालांकि सरकार और मंडी व्यापारियों के बीच इसको लेकर अभी अंतिम एग्रीमेंट होना बाकी है।
इसके अलावा, मालाखेड़ा, रामगढ़, गोविन्दगढ़, रैणी, राजगढ़ और कठूमर में भी Minimum Support Price पर गेहूं की खरीद होगी। मंडियों में नए गेहूं की आवक अगले 10 से 15 दिनों में शुरू होने की उम्मीद है।
सरकार ने क्यों लिया यह फैसला
हर साल सरकार द्वारा तय किए गए गेहूं खरीद के लक्ष्यों को पूरा करना मुश्किल होता है। अधिकांश किसान अपनी उपज को सरकारी केंद्रों के बजाय मंडी व्यापारियों को ही बेचते हैं जिससे सरकारी खरीद केंद्रों पर कम आवक होती है। इसी कारण इस बार आढ़तियों को ही सरकारी खरीद की जिम्मेदारी दी गई है।
क्या होगी खरीदी की व्यवस्था
- इस सीजन में मंडी व्यापारियों को कम से कम 6 लाख गेहूं के कट्टे खरीदने होंगे हालांकि अधिकतम खरीद की कोई सीमा तय नहीं है।
- केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारी ही Minimum Support Price पर गेहूं खरीद सकेंगे।
- व्यापारी को सरकारी खरीद से पहले अपनी सभी पुरानी देनदारियां चुकानी होंगी।
- खरीद के दौरान सरकार के अधिकारी और कर्मचारी निगरानी में मौजूद रहेंगे।
- किसान को गेहूं का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा।
1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद
गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से शुरू होगी। इसके लिए किसानों को सरकारी वेबसाइट पर आवेदन करना अनिवार्य होगा। यदि किसी किसान ने ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है, तो उसका आवेदन मंडी में ऑन स्पॉट किया जा सकेगा।
टोकन प्राप्त करने के लिए किसान को ये दस्तावेज लाने होंगे:
- जनाधार कार्ड
- आधार कार्ड की कॉपी
- बैंक पासबुक
- गिरदावरी की कॉपी
मंडी अध्यक्ष सत्यविजय गुप्ता ने बताया कि व्यापारी को किसान का माल तौलने से पहले टोकन लेना अनिवार्य होगा। साथ ही किसान की फसल की खरीद आवेदन के अनुसार ही सुनिश्चित की जाएगी। सभी दुकानदारों को केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी ताकि सरकारी खरीद पारदर्शी तरीके से हो सके।
नए सिस्टम से क्या मिलेगा फायदा
सरकार द्वारा अपनाई गई इस नई प्रणाली से किसानों को अपनी फसल बेचने में आसानी होगी क्योंकि अब उन्हें सरकारी केंद्रों पर लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। साथ ही Minimum Support Price पर गेहूं की खरीद सुचारू रूप से होगी जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा।