PM Viksit Bharat Rozgar Yojana: देश में रोजगार की बढ़ती ज़रूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 1 अगस्त 2025 से “PM Viksit Bharat Rozgar Yojana” लागू होने जा रही है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है भारत में औपचारिक नौकरियों को बढ़ावा देना, खासकर युवाओं और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में। इसे समझना बेहद आसान है और इसका लाभ हर उस व्यक्ति तक पहुंचेगा जो नौकरी की तलाश में है या किसी कंपनी के जरिए काम दिलाने में भूमिका निभा सकता है।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
इस योजना की घोषणा भारत सरकार ने 23 जुलाई 2024 को यूनियन बजट के दौरान की थी। इसके बाद 1 जुलाई को कैबिनेट ने इस स्कीम को मंजूरी दी और अब इसे पूरे देश में 1 अगस्त 2025 से लागू किया जा रहा है।
इस योजना का नाम पहले Employment Linked Incentive Scheme (ELI) रखा गया था, जिसे बाद में बदलकर “PM Viksit Bharat Rozgar Yojana” कर दिया गया।
सरकार का लक्ष्य है कि इस स्कीम के जरिए अगले दो सालों में यानी 2025 से 2027 तक 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी मिले। यह न सिर्फ युवाओं को रोज़गार देने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह देश के उद्योगों को भी मजबूती देगा। खासकर मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर में इसका बड़ा असर देखने को मिलेगा।
कैसे काम करेगी ये योजना
PM Viksit Bharat Rozgar Yojana को दो हिस्सों में बांटा गया है एक हिस्सा है नौकरी करने वालों के लिए और दूसरा कंपनियों के लिए।
पहला भाग यानी पार्ट A उन युवाओं के लिए है जो पहली बार किसी फॉर्मल नौकरी में कदम रख रहे हैं। खास बात ये है कि इसमें EPFO (Employees’ Provident Fund Organization) के तहत रजिस्टर्ड लोगों को सीधे आर्थिक लाभ मिलेगा।
अगर कोई व्यक्ति पहली बार नौकरी करता है और EPFO में रजिस्टर्ड है, तो उसे सरकार द्वारा दो किस्तों में ₹15,000 तक की राशि दी जाएगी।
पहली किश्त तब दी जाएगी जब वह लगातार 6 महीने तक नौकरी करेगा। दूसरी किश्त तब मिलेगी जब वह 12 महीने तक नौकरी में रहेगा और एक फाइनेंशियल लिटरेसी यानी वित्तीय समझदारी का छोटा सा कोर्स पूरा करेगा।
इस रकम का एक हिस्सा सेविंग्स अकाउंट या किसी फिक्स डिपॉजिट में भी रखा जाएगा, जिससे युवाओं में बचत की आदत डाली जा सके। इस स्कीम से करीब 1.92 करोड़ नए युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।
अब बात करते हैं दूसरे हिस्से यानी पार्ट B की, जो नौकरी देने वाली कंपनियों के लिए है। इसका मकसद है कंपनियों को इंसेंटिव देकर उन्हें ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहित करना।
अगर कोई कंपनी किसी ऐसे कर्मचारी को नौकरी देती है जिसकी सैलरी 1 लाख रुपए तक है, तो सरकार उस कंपनी को उस कर्मचारी के लिए ₹3,000 हर महीने देगी। यह मदद दो सालों तक मिलेगी, बशर्ते वह कर्मचारी कम से कम 6 महीने तक काम करे।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को और ज़्यादा प्रोत्साहित करने के लिए ये इंसेंटिव तीसरे और चौथे साल तक भी जारी रहेगा।
किन कंपनियों को मिलेगा लाभ
ये योजना खासतौर पर MSMEs यानी छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए एक मौका है। यदि किसी कंपनी में 50 से कम कर्मचारी हैं, तो उन्हें इस स्कीम का फायदा पाने के लिए कम से कम 2 नए लोगों को नौकरी पर रखना होगा। वहीं, 50 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों को कम से कम 5 नए लोगों को नौकरी देनी होगी।
सरकार द्वारा दी जाने वाली रकम सीधे आधार लिंक्ड DBT सिस्टम से ट्रांसफर की जाएगी। कर्मचारी को मिलने वाला पैसा उसके आधार से जुड़े खाते में जाएगा और कंपनी को मिलने वाला इंसेंटिव उनके पैन लिंक्ड अकाउंट में।
इस योजना का व्यापक प्रभाव
PM Viksit Bharat Rozgar Yojana का मकसद केवल नौकरी देना ही नहीं है, बल्कि ये भारत में एक मजबूत और स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करने की दिशा में भी काम करेगी।
इस योजना के जरिए 18 से 35 साल की उम्र के युवाओं को ज्यादा अवसर मिलेंगे। उन्हें फॉर्मल जॉब में आने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
वहीं, छोटे उद्योगों को यह योजना नई ताकत देगी, जो अब तक सिर्फ सीमित संसाधनों के चलते ज्यादा लोगों को काम पर नहीं रख पाते थे। इससे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी मजबूती मिलेगी और भारत को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मदद मिलेगी।
क्यों है यह योजना खास
आज के समय में जब युवा नौकरी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और कंपनियां स्किल्ड लोगों की तलाश में हैं, ऐसे में यह योजना दोनों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करेगी। इससे ना सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आएगी।
साथ ही, यह स्कीम इस बात का भी उदाहरण है कि सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कितनी गंभीर है। रोजगार केवल एक आय का स्रोत नहीं है, बल्कि यह सम्मान और पहचान का जरिया भी है।
निष्कर्ष
PM Viksit Bharat Rozgar Yojana एक ऐसी पहल है जो देश की आर्थिक नींव को मज़बूत करेगी। युवाओं को न सिर्फ काम मिलेगा, बल्कि उन्हें वित्तीय रूप से जिम्मेदार और आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा।
अब वक्त है इस योजना का फायदा उठाने का चाहे आप एक फ्रेशर हों, जो अपनी पहली नौकरी की तलाश में हैं या फिर एक कंपनी जो अच्छे और मेहनती कर्मचारियों की खोज में है। यह योजना दोनों के लिए एक सुनहरा मौका है।