Sariska Elevated Road: राजस्थान के अलवर जिले में बनने वाले Sariska Elevated Road का रूट बदल दिया गया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। इस सड़क का प्रस्ताव पिछले तीन सालों से लंबित था, लेकिन अब इसे जल्द ही धरातल पर लाने की योजना बनाई गई है।
नए प्रस्ताव के तहत, इस रोड को टू-लेन की बजाय फोर-लेन बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके निर्माण के बाद, अलवर से जयपुर की यात्रा 45 मिनट तक कम हो जाएगी।
अब यह रहेगा नया रूट
पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार, Sariska Elevated Road को थानागाजी के थैंक्यू बोर्ड से वाया सरिस्का होते हुए नटनी का बारा तक बनाया जाना था।
लेकिन अब इसे नटनी का बारा से कुशालगढ़, वाया तालवृक्ष, मंडावरा मोड़ होते हुए बनाया जाएगा। इस बदलाव से स्थानीय लोग नाराज हैं और विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
22 किलोमीटर लंबा होगा नया मार्ग
इस एलिवेटेड रोड की कुल लंबाई 22 किलोमीटर होगी, जो आगे जाकर थानागाजी और शाहपुरा मार्ग से जुड़ेगा। इस मार्ग की लंबाई 8 किलोमीटर होगी और यह सीधे जयपुर मार्ग से जुड़ जाएगा। इससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
45 मिनट कम होगा यात्रा समय
Sariska Elevated Road के बनने के बाद, अलवर से जयपुर की यात्रा में 45 मिनट की बचत होगी। वर्तमान में यह सफर लगभग 3 घंटे 45 मिनट का होता है, जो इस सड़क के बनने के बाद मात्र 3 घंटे में पूरा हो जाएगा।
स्थानीय लोगों का विरोध
स्थानीय लोगों ने इस रूट परिवर्तन पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि सरकार ने पहले वादा किया था कि यह रोड थानागाजी के थैंक्यू बोर्ड से वाया सरिस्का होते हुए नटनी का बारा तक बनेगा, लेकिन अब अचानक से रूट बदल दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह फैसला आम जनता के साथ विश्वासघात के समान है।
इस मुद्दे को लेकर 2 अप्रैल को थानागाजी की शिव बगीची में एक जनसभा बुलाई गई है, जिसमें विरोध आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का मानना है कि सरकार को पहले की योजना के अनुसार ही रोड का निर्माण करना चाहिए।
यह पहली बार नहीं है जब Sariska Elevated Road को लेकर विवाद हुआ है। 20 अगस्त 2009 को भी अलवर-सरिस्का मार्ग को लेकर एक बड़ा आंदोलन हुआ था।
उस समय दौसा के तत्कालीन सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीना के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया था।
सरिस्का मार्ग बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के अनुसार, उस समय 16 हजार महिलाओं सहित हजारों लोगों ने जयपुर कूच किया था।
बाद में सरकार और तत्कालीन वन मंत्री रामलाल जाट के साथ हुई वार्ता के बाद इस मार्ग को यथावत रखने का समझौता हुआ था और आंदोलन स्थगित कर दिया गया था।
नए फैसले पर पुनर्विचार की मांग
अब एक बार फिर इस सड़क मार्ग को लेकर विवाद शुरू हो गया है। स्थानीय लोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह पहले किए गए वादे के अनुसार ही Sariska Elevated Road का निर्माण करे, ताकि क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय न हो।